EK Roti Wale Baba Ke Bare Me
नमः शिवाय बाबाजी का संक्षिप्त जीवन – परिचय
नमः शिवाय मिशन के संस्थापक पूज्य स्वामी शिवोऽहम् जी भारती जी महाराज का जन्म 09 अगस्त 1955 को उड़ीसा के देवगढ़ जिले में एक गरीब धर्मनिष्ठ ब्राह्मण परिवार में हुआ | आपकी प्राथमिक एवं उच्च शिक्षा देवगढ़ जिले में ही हुई | परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते उन्होंने अपने अध्ययन काल में ही ट्यूशन पढ़ाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया था | आपने 8 वर्षो तक हाईस्कूल का अध्ययापन कार्य किया और 25 वर्ष की आयु में भागवत साक्षात्कार के उद्देश्य से नौकरी छोड़कर भारत के विभिन्न स्थलों पर तपस्या की इस तपस्या कल में गिरनार गुजरात में 6 माह दक्षिण भारत के गांडगापुर में 3 माह, उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के जंगलो में 6 माह , तपस्या करके जोशीमठ के पास तपोवन ग्राम में एक गुफा में तपस्यारत हुए |
उन्होंने इसके पूर्व कारवार में परम पूज्य स्वामी सदाशिव भारत जी महाराज से नमः शिवाय लययोग की दीक्षा प्राप्त की | पवित्र गंगा में तपस्या करते समय अर्श बीमारी से आक्रांत हो जाने से नाशिक कैलाश मठ में आकर कुछ दिन विश्राम तथा अनुष्ठान किया | उस समय 15 करोड़ ‘ ॐ नमः शिवाय ‘ मन्त्र जपने का संकल्प उत्पन्न होने से इस हेतु नडियाद के संतराम मंदिर में मौन मंदिर गुफा क्र. 1 से 15 दिसम्बर से 17 अप्रैल 1988 तक माह रहकर पाँच करोड़ जप पुरे पुरे किये |
इसके उपरांत उज्जैन , सोमनाथ, भीमाशंकर, आदि ज्योतिर्लिंग स्थलों पर एक एक करोड़ मंत्र जाप करके महाशिवरात्रि 1991 के दिन आप ऋषिकेश स्थित कैलाश आश्रम के आचार्य महामण्डलेश्वर प. पू, स्वामी विद्यानंद गिरिजी महाराज से विधिवत सन्यास–दीक्षा ली और तभी से वे स्वामी शिवोऽहम् भारती के नाम से जाने जाते है | इसके पूर्व आप शिवोऽहम् अवधूत के नाम से जाने जाते थे और अवधूत शिक्षा के पूर्व आपको समाज में शिवशंकर रामभगत के नाम से लोग जानते थे | लगभग तीन माह प्रस्थानत्रयी ( श्रीमद भागवत गीता, ब्रह्मसूत्र एवं द्वादषोपनिषद ) अध्ययन उपरांत शुक्रताल में गंगा के तट पर गर्म रेट में बैठकर एक माह में आपने लगभग 18 लाख ‘ॐ नमः शिवाय‘ मंत्रो का जाप किया |